Tuesday, May 31, 2011

In memory of fallen Heroes of Army...


Very Touching Must read Poem by Lt Col.Gautam Rajrishi..
in memory of fallen Heroes...
Jai Hind

चीड़ के जंगल खड़े थे देखते लाचार से
गोलियाँ चलती रहीं इस पार से उस पार से


मिट गया इक नौजवां कल फिर वतन के वास्ते
चीख तक उट्ठी नहीं इक भी किसी अखबार से

कितने दिन बीते कि हूँ मुस्तैद सरहद पर इधर
बाट जोहे है उधर माँ पिछले ही त्योहार से

अब शहीदों की चिताओं पर न मेले लगते हैं
है कहाँ फुरसत जरा भी लोगों को घर-बार से

मुट्ठियाँ भीचे हुये कितने दशक बीतेंगे और
क्या सुलझता है कोई मुद्दा कभी हथियार से

मुर्तियाँ बन रह गये वो चौक पर चौराहे पर
खींच लाये थे जो किश्ती मुल्क की मझधार से

बैठता हूँ जब भी "गौतम’ दुश्मनों की घात में
रात भर आवाज देता है कोई उस पार से

-ले० कर्नल गौतम राजरिशी

Great work Sir
-Vinnie!

No comments:

Post a Comment