वही मेरा काशी, वही मेरा मदीना,
जहाँ रहती है वो माँ,
जिसका लाल वतन पे शहीद हुआ है …
मेरा साथ दो मेरे वतन प्रेमियों...
हमे इस मिट्टी का क़र्ज़ चुकाना है"
याद रहे शहीदो की कु़र्बानियाँ फ़िज़ूल और मौसमी नहीं थीं.....
क्रांतिवीरों की कर्म भूमि.. माँ भारती धन्य हैं ... इसी माँ के लिए २६ जुलाई, विजय दिवस याद रखिये.. और साथ जुड़िये आपकी प्रतीक्षा रहेगी| हर राष्ट्रभक्त को मेरा नमन है ! माँ भारती को नमन है
! वन्दे मातरम !
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